विवाद कहीं बढ़ जाता है सुलह सभी रुक जाता है विवाद कहीं बढ़ जाता है सुलह सभी रुक जाता है
बस योग्यता के प्रमाण पत्र पर ही चाहूं, समानता का मैं अधिकार। बस योग्यता के प्रमाण पत्र पर ही चाहूं, समानता का मैं अधिकार।
यह कविता ने समाज में हो रही भृणहत्या के सामने आवाज़ उठाई है। यह कविता ने समाज में हो रही भृणहत्या के सामने आवाज़ उठाई है।
हम पुराने जमाने के अंधविश्वासों को न माने हम पुराने जमाने के अंधविश्वासों को न माने
समता-समानता का अधिकार बाबा साहब ने दिलवाया था समता-समानता का अधिकार बाबा साहब ने दिलवाया था
एक नारी ही उपवन का सबसे सुगन्धित फूल है, पर खिलने को उसको भी, जरुरी बचपन की छाँव और धूप है | एक नारी ही उपवन का सबसे सुगन्धित फूल है, पर खिलने को उसको भी, जरुरी बचपन की छा...